Bengal: सिलीगुड़ी में छात्रों-डॉक्टरों का प्रदर्शन, मार्कशीट से छेड़छाड़ समेत आरोपों को लेकर प्रिंसिपल को घेरा

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West Bengal: protest by Students and doctors of NBMCH allegedly tampering with marksheet in Siliguri

सिलीगुड़ी में छात्रों-डॉक्टरों का प्रदर्शन
– फोटो : ANI

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पश्चिम बंगाल में आरजी कर केस का मुद्दा पूरे चरम पर है, एक तरफ जहां विपक्ष और तमाम सामाजिक संगठन राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ आज सिलीगुड़ी में उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के छात्रों, प्रशिक्षुओं, जूनियर डॉक्टरों और डॉक्टरों ने कथित तौर पर मार्कशीट के साथ छेड़छाड़ और छात्र संगठन के नेताओं और राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी के कारण व्याप्त कथित धमकी के लिए प्रिंसिपल डॉ. इंद्रजीत साहा का घेराव किया।

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टीएमसी इकाई को भंग करने की मांग

वहीं प्रदर्शन कर रहे एमबीबीएस द्वितीय वर्ष के छात्र अजमद अतीक ने कहा कि कॉलेज में सत्तारूढ़ पार्टी की इकाई कुछ छात्रों को अंकों के मामले में पक्षपात करती है, एक छात्र जिसने 37 अंक प्राप्त किए थे, उसे 93 में बदल दिया गया। पार्टी के सदस्य पार्टी से जुड़े लोगों का पक्ष लेते हैं और जो पार्टी के सदस्य नहीं हैं, उन्हें धमकाया जाता है। वे पैसे भी ऐंठते हैं और अगर हम पैसे नहीं दे पाते हैं तो हमें धमकाया जाता है। यह लंबे समय से चल रहा है, हमारी दो मांगें हैं- टीएमसी इकाई को भंग किया जाना चाहिए और दूसरा, डीन और सहायक को इस्तीफा देना चाहिए।

 

प्रिंसिपल ने कहा – मुझे इसकी जानकारी नहीं

इस मामले में उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के प्रिंसिपल इंद्रजीत साहा ने कहा, मुझे इसकी जानकारी नहीं है क्योंकि प्रोटोकॉल के अनुसार परीक्षा के संयोजक की तरफ से अंक पत्र तैयार किए जाते हैं और छह परीक्षकों में से सबसे वरिष्ठ की तरफ से मानकीकृत फॉर्म सी भी भरा जाता है। इसके बाद, अंकों को अंतिम रूप देने की दोहरी जांच होती है- इसे पोर्टल पर अपलोड किया जाता है और साथ ही, परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों की संख्या के आधार पर 6-7 पृष्ठों की हस्ताक्षरित प्रति को स्कैन किया जाता है। और विश्वविद्यालय पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया है। इसलिए मुझे पूछताछ करने दीजिए।

प्रिंसिपल ने सत्ताधारी पार्टी के हस्तक्षेप से किया इनकार

जहां तक मेरा सवाल है, चूंकि मैं प्रिंसिपल हूं, मुझे पता है कि अगर कॉलेज में कुछ भी होता है तो मैं हर चीज के लिए जिम्मेदार हूं, मैंने छात्रों की तरफ से रखी गई मांगों और शिकायतों के बारे में अपने उच्च अधिकारियों को पहले ही एक पत्र तैयार कर लिया है। मुझे किसी भी सत्तारूढ़ पार्टी के नेता के शामिल होने की जानकारी नहीं है क्योंकि हमारे कॉलेज में आने वाले एकमात्र सत्तारूढ़ पार्टी के नेता हमारे मेयर गौतम देब हैं और वे कभी भी किसी परीक्षा प्रक्रिया में शामिल नहीं होते हैं।

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